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shiv chalisa - aarti

श्री शिव आरती – Shri Shiv Aarti

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥

 

ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥

 

ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी ॥


ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥


ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥


ॐ जय शिव ओंकारा…॥

 

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥


ॐ जय शिव ओंकारा…॥